Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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18 वीं सदी में आमेर राज्य में जैन धर्म
1 Author(s): DR. OMPRAKASH VAISHNAV
Vol - 12, Issue- 7 , Page(s) : 56 - 60 (2021 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
राजपूताना के सामाजिक जीवन में धर्म का तत्व पौराणिक काल से ही रहा है। धार्मिक परिवेष से ओत प्रोत रहने की इस पौराणिक परम्परा का निर्वहन ब्रिटिष काल के दौरान भी अनवरत रहा। यहाँ के क्षत्रिय राजाओं व निवासियों ने अपने धर्म का पालन करतें हुए दूसरें धर्मों को भी संरक्षण व सम्मान दिया। मध्ययुगीन राजपूतानें में महावीर स्वामी के सिद्धान्तों की जनप्रियता का परिचय विभिन्न संघों की गतिविधियों तथा जैन जातियों एवं उपजातियों के उद्गम स्थलों से भी होता है।