Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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मृगनयनी उपन्यास की ऐतिहासिकता
1 Author(s): DR. GITA SINGH
Vol - 12, Issue- 8 , Page(s) : 55 - 58 (2021 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
ऐसा बहुत कम होता है कि उपन्यास जैसी कथा वस्तु में ऐतिहासिकता के प्रमाणिक तथ्य मिलें !दूसरी बात ये कि यह उपन्यास उस अवधारणा को भी तोड़ता है जो सामान्यतः हिंदी साहित्य के लिए कहा जाता रहा है कि इसमें शोध की प्रवृत्ति नहीं है I इन दोनों बातों की ओर वृन्दावनलाल वर्मा का यह उपन्यास ‘मृगनयनी’हमारा ध्यान बर्वश खीचता है I यह सुखद ही रहेगा कि एक शोधपरक प्रवृत्ति वाले उपन्यास पर शोध- दृष्टि डाली जाय I पिष्ट पेषण नहीं I