Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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राष्ट्रवाद व विविध अस्मिताएँ
1 Author(s): MANOJ KUMAR
Vol - 12, Issue- 9 , Page(s) : 11 - 13 (2021 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
राष्ट्रवाद की अवधारणा से हम सब अवगत है, जिसमें जाति, संस्कृति, भाषा आदि की समानता के आधार पर एक स्वतंत्र राष्ट्र के निर्माण की जनभावना दिखाई पड़ती है। सांझा इतिहास, पंरपरा व संस्कृति इसके निर्माण के आधारभूत पक्ष माने जाते है। ठीक उसी तरह किसी राष्ट्र के किसी राज्य, क्षेत्र, प्रांत के अन्तर्गत राष्ट्रहित से परे उस क्षेत्र विशेष के हित को प्राथमिकता देने की बात की जाए, तो उसे उपराष्ट्रवाद के संदर्भ में समझा जा सकता है।