Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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मुबारक अली खाँ ‘‘शमीम‘‘
1 Author(s): DR. GHULAM ASHRAF QUADRI
Vol - 5, Issue- 2 , Page(s) : 185 - 193 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
सन् 1999 ई0 की बात है कि इस्लामिया इण्टर कालेज, शाहजहाँपुर में एक शेयरी निषस्त का इनअक़ाद हुआ, मैं शेर कहता नही हूॅ मगर सामे की हैसियत से मुषायरे का बड़ा लुत्फ उठाता हूॅ। मुषायरा शरू हुआ। सदारत के लिए मुबारक शमीम का नाम पेष हुआ। एक 70-75 साल की शख़सियत सदर के ओहदे पर विराजमान हुयी। ऊंचा क़द, कमज़ोर जिस्म, सर के बाल ऊपर को मुडे़ हुए, नोंकदार मुंछें बैठने का अंदाज़ रइेसाना, सफेद शर्ट पर टाई कोट।