Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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हिन्दी महिला नाटकों में अभिनय और अभिनेयता की परिकल्पना
1 Author(s): DR. THOMAS BABU
Vol - 5, Issue- 3 , Page(s) : 89 - 93 (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
रंगमंच एक कला है। कला का उदभव मानव मन में चराचर के घात-प्रतिघात से उत्पन्न प्रभाव की अभिव्यक्ति की आकांक्षा से हुआ है। रंगमंच की मूल में भी अन्तस की यही उत्कट आकांक्षा वर्तमान है। रंगमंच का उदभव नाटक से हुआ। नाटक एक ऐसी विधा है जिसकी पूर्ण अभिव्यक्ति रंगमंच पर भी संभव है, इसलिए नाटक और रंगमंच का घनिष्ट संबंध है। रंगमंच के लिए ही नाटक की उत्पत्ति हुई है और रंगमंच ही उसका पहला और अन्तिम लक्ष्य है।