Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh

  ISSN 2321 - 9726 (Online)   New DOI : 10.32804/BBSSES

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निराला की रचनाओं में मानवाधिकार

    1 Author(s):  DR.SNEHA KUMARI

Vol -  1, Issue- 1 ,         Page(s) : 17 - 22  (2010 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES

Abstract

मनुष्य के समर्थन में सच्ची अवधारण वह होती है जो एक सच्चे ह्रदय में स्पंदित होती हैं। मानवाधिकार की संकल्पना मनुष्यमात्र के हितार्थ एक विधिसम्मत अवधारणा है। निराला जैसे एक सृजनशील रचनाकार की व्यक्तिगत एवं रचनागत आधार पर निर्मित अवधारणा की परीक्षा मानवाधिकार के आलोक में की गयी है। जिसके आधार पर यह निष्पŸिा हो सके की अवधारणा न केवल विधिसम्मत है अपितु मानवमात्र के हितार्थ मनीषासम्मत भी। प्रस्तुत लेख में इसी मंतव्य से निराला साहित्य को परखने का प्रयत्न है।

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1. कारेल वसक, हा्रूमन राइट्स ए लीगल रियलिटी, दी इंटरनेशनल डायमेन्सन आॅफ हा्रूमन खण्ड प्रथम, पृष्ठ 4-101
2. यूनाइटेड किंगडम एंड हा्रुमन राइट्स हैमालिन लैक्वर्स 
3. कानन ,गहराना हा्रुमन रादट्रस ,ए कनसेपचुअल प्रोस्पेक्टिव , इण्डियन जनरल आफॅ इण्टरनेशनल जनरल आफॅ इण्टनेशनल लाॅ खण्ड 29 जुलाई दिसम्बर 1989 पृ 367
4. अतर ,चन्द्र ,पालिटिक्स आफॅ हा्रुमन राइट्स एण्ड लिबर्टी-ए ग्लोबल सर्वे (1985) पृ0. 451
5. स्व0 थारत में मानवाधिकार-डाॅ0 कृष्णमोहन माथुर पृ0. 19।
6. ‘‘ मनुष्य का जन्म सब जन्म में श्रेष्ठ है।‘‘ भारत में विवेकानन्द पृ0. 35
7. अनामिका, निराला, भारतीय भंडार, लीडर प्रेस इलाहाबाद तृतीय संस्कृय संवत्, पृ0. 2015, पृ. 18
8. प्रबन्ध-प्रतिमा, 1963 ई0, पृ0. 49
9. अनामिका, गंगा पुस्तकमाला कार्यान्वय, लखनउ, 1972, पृ0. 24
10. परिमल, गंगा, पुस्कमाला कार्यान्वय, लखनउ,1972 पृ0. 8
11. अविमा लोक भारती प्रकाशन,इलाहाबाद, 1971 ई0, पृ0. 8
12. अनामिका, गंगा पुस्तकमाला कार्यान्वय लखनउ , 1972 पृ0. 18-19
13. प्रबन्ध-प्रतिमा, पृ0 344-345
14. बेला, पृ0. 81
15. प्रबन्ध-प्रतिमा, पृ0. 123-124
16. प्रबन्ध-प्रतिमा, पृ0. 77
17. कुल्लीभाट, गंगा पुस्तक माला, 1964, पृ0. 36-37
18. राजनीति और समाज शीर्षक लेख, सुधार, अगस्त सन् 1933
19. नये पŸो, लोक भारतीय प्रकाशन, 1973, पृ0. 37
20. लिली गंगा पुस्तक संवत्, 2013, पृ0 14
21. निरूपमा, निराला, भारतीय भंडार, लीडर प्रेस इलाहावाद तृतीय संस्करण संवत् 2023 विक्रम, पृ0. 43
22. बिल्लेसुर बकरीहा, बिताब ममहल, इलाहाबाद, 1967 ई0, पृ. 28 द्वितीय संस्करण 
23. अलका, गंगा पुस्तक, 1971 ई0 पृ0. 97
24. परिमल, पृ0 110
25. शर्मा, राजकुमारः महाकविः निराला-संस्मरण श्रद्धांजलिया, पृ0. 31
26. अनामिका, पृ0 24
27. नये पŸोे,लोक भारतीय प्रकाशन, इलाहाबाद, 1973 ई0, पृ0. 29-30, 63-64, 92-93, बेला, पृ0. 62, अलका, पृ0. 67 लिली,  पृ0. 64-65
28. प्रबन्ध-प्रतिमा, पृ0. 90
29. तत्रैव, पृ0. 131-132
30. अलका, पृ0. 31
31. तत्रैव, पृ0. 88
32. प्रबन्ध-प्रतिमा, पृ0. 136 
33. निराला रचनावली, भाग 1, पृ0. 210

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