Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh

  ISSN 2321 - 9726 (Online)   New DOI : 10.32804/BBSSES

Impact Factor* - 6.2311


**Need Help in Content editing, Data Analysis.

Research Gateway

Adv For Editing Content

   No of Download : 189    Submit Your Rating     Cite This   Download        Certificate

डाॅ. सुमन राजे का सृजन संसार

    1 Author(s):  DR. SUDHA MISHRA

Vol -  5, Issue- 9 ,         Page(s) : 20 - 26  (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES

Abstract

‘‘....................... साहित्यकार के आत्म तत्व की महानता का प्रतिबिम्ब ही साहित्य का औदात्य है। सच्चा वाग्वैदग्ध उन्हीं में पाया जा सकता है जिनकी चेताना व्यापक और उदार हो। जो लोग जीवन भर क्षुद्र उद्देश्यों संकीर्ण स्वार्यों के पीछे पड़े रहते हैं वे मानवता के लिए स्थायी महत्व की रचना नहीं दे पाते। यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि जिनके मतिष्क महान विचारों से परिपूर्ण होते हैं उन्हीं की वाणी से उदाŸा शब्द झंकृत होते हैं।’’1

  1. लौंजाइनस
  2. सुमन जी से मुलाकात के दौरान पूछे गये प्रश्न पर आधारित।
  3. डाॅ. वी. एन. सिंह सम्पादक प्रतिशीर्षक - प्रतिशीर्षक में प्रकाशित साक्षात्कार का अंश।
  4. सुमन जी से मुलाकात के द्वारा दी गई सूची पर आधारित।

*Contents are provided by Authors of articles. Please contact us if you having any query.






Bank Details