Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh

  ISSN 2321 - 9726 (Online)   New DOI : 10.32804/BBSSES

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भूकंप नहीं भवन लेते हैं हम सब की जान

    1 Author(s):  SHAGUFTA AFROZ

Vol -  6, Issue- 6 ,         Page(s) : 3 - 6  (2015 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES

Abstract

प्राकृतिक आपदाएं सर्भौमिक सत्य हैं |पहले भी आती थीं,आज भी आरहीं हैं और आगे भी इनके आते रहने का अनुमान है | इंसानी कारस्तानियों के चलते इनकी प्रवृत्ति और तीव्रता में आगे चलकर इनके इजाफे से भी इंकार नहीं किया जा सकता | इनसे कवल सचेत रहकर ही जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है | हाल ही में नेपाल और भारत के हिस्सों में आये ज़लज़ले ने मानवता की चूलें हिला दीं |त्रासदी ने अपनी आंशिक ताकत दिखाई और पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया |अपने एक ही झटके में पूरी बस्ती को उजाड़ दिया |सबके पीछे छोड़ दिया चीत्कार, क्रंदन, बहाली और बेबसी |

1. सोमवंशी अ ण्एसिनिअर रिसर्च एसोसिएटए सस्टेनेबल बिल्डिंग्स एंड हैबिटेट प्रोग्राम एसीएसईए दैनिक जागरणए 3 मई 2015 द्य
2. गुप्ता अण्केण्एनिदेशक एवाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान एदेहरादून ;उत्तराखंडद्ध दैनिक जागरणए 3 मई 2015 द्य
3. घोष चण्ए प्रमुख जिओ हेजद्र्ड एनेशनल इंस्टिट्यूट अफ डिजास्टर मनेजमेंटएदैनिक जागरणए 3 मई 2015 द्य
4. प्रभाकर प्रण्एहिंदुस्तान 30 अप्रैल 2015 द्य

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