Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh

  ISSN 2321 - 9726 (Online)   New DOI : 10.32804/BBSSES

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आधुनिकीकरण और धर्मनिरपेक्षीकरण की अवधारणा में एम0 एन0 श्री निवास का येागदान

    1 Author(s):  SH.SHYAM DASS

Vol -  5, Issue- 12 ,         Page(s) : 32 - 40  (2014 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES

Abstract

भारतीय समाज में होने वाले परिवर्तन एवं समाज को समझने के लिए प्रमुख भारतीय समाज शास्त्री एम0 एन0 श्री निवास का प्रमुख योगदान है। श्री निवास रेड क्लिफ ब्राउन के परम शिष्यों में से एक माने जाते हैं। श्री निवास ने सन् 1942 में रेड क्ल्फि ब्राउन के सुझाव पर मैसूर के रामपूरा गांव का अध्ययन किया था। उनके विषय थे - ”विवाह और परिवार”। उनकी यह पुस्तक ”मैरिज एण्ड फैमिली” इन मैसूर के नाम से जानी जाती है। प्रकार्यात्मक दृष्टिकोण का प्रभाव श्री निवास की पुस्तक ”रिलिजन एण्ड सोसाइटी अमंग दि कूर्गस आॅफ साऊथ इंडिया” है। श्री निवास ने इस पुस्तक में धर्म के संबंध को वृहद् सामाजिक संगठन के संदर्भ में देखा है।

1. समाजशास्त्र 
डा0 कुमार आनन्द (2006)
विवेक प्रकाशन 7, यू0 ए0 जवाहर नगर,
    नई दिल्ली - 7, पृष्ठ संख्या 30.33. 
2ण्ग्रामीण समाजशास्त्र 
सिंह डा0 वी0 एन0 (2015)
विवेक प्रकाशन 7, यू0 ए0 जवाहर नगर,
नई दिल्ली - 7, पृष्ठ संख्या 190.195ण्
3ण्भारतीय समाज (संरचना एवं परिवर्तन)
दोषी एस0 एल0 एवं जैन पी0 सी0 (2010)
नेशनल पब्लिशिंग हाऊस,
नई दिल्ली, पृष्ठ संख्या 446-447.
4ण्समाजशास्त्र 
कुमार डा0 आनन्द (2010-2011)
विवेक प्रकाशन 7, यू0 ए0 जवाहर नगर,
नई दिल्ली - 7, पृष्ठ संख्या 177-178.
5ण्समाजशास्त्र ;2014द्ध 
डा0 मुखर्जी एवं अग्रवाल भरत 
विवेक प्रकाशन 7, यू0 ए0 जवाहर नगर,
नई दिल्ली - 7, पृष्ठ संख्या 129-135-137-151.
6ण्ग्रामीण समाजशास्त्र 
दोषी एवं जैन पी0 सी0 (2010)
रावत पब्लिकेशन, अ0 रोड़

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