Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh

  ISSN 2321 - 9726 (Online)   New DOI : 10.32804/BBSSES

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भारतीय देव प्रतिमायें और नैतिक मूल्य

    1 Author(s):  HANSA VYAS

Vol -  2, Issue- 1 ,         Page(s) : 28 - 34  (2011 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES

Abstract

भारतीय देव प्रतिमायें अनुकृति न होकर सामूहिक सामाजिक चिन्तन का परिणाम रही है। प्रतिमा लक्षण में शास्त्रों में निरूपित और प्रस्तर, धातु एवं मिट्टी की मूर्तियों, चित्रांे एवं अन्य माध्यमों में रूपायित देवी-देवताओं तथा अन्य उपास्य देवों का लक्षण परक अध्ययन किया जाता है।

प्रतिमा लक्षण के अध्ययन से सम्बन्धित सामग्री के लिये प्रमुख स्त्रोत-
बनर्जी जे.एन. दि डेवलपमेन्ट आॅफ हिन्दू आइक्नोग्राफी, कलकत्ता 1956 प्रथम अध्याय, पृ-1-35
राव टी.ए. गोपीनाथ - एलीमेन्टस आॅफ हिन्दू आइक्नोग्राफी खण्ड-1, भाग-1, वाराणसी 1971, पृ-1-59
भट्टाचार्य डी.सी.- आइकनोलाॅजी आॅफ बुद्धिस्ट इमेजेज दिल्ली 1980, अध्याय 1, पृ-19
जोशी एन.पी. - मूर्ति विज्ञान के अध्ययन की पद्धति और विधाएं, कला-इतिहास विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, जनवरी 1989 (हिस्टोरियो ग्राॅफी आॅफ इण्डियन आर्ट विषय पर आयोजित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में प्रस्तुत शोध निबन्ध)“
2. विष्णु धर्माेत्तर पुराण - वंेकटेश्वर प्रेस, बम्बई, 1912 
3. ऋग्वेद 6,47,18 - शास्त्री हरिदत्त (ऋक, सूक्त संग्रह)
4. उक्त 1.164.46
5. मार्शल - मोहनजोदड़ो एण्ड इण्डस सिविलाइजेशन वाल्यूम 1, वाराणसी 1973, पृ-52, प्लेट 12, नवम्बर 17
6. 1264 ई. का बेरावल से प्राप्त चालुक्य लेख, एपिग्रापिया इण्डिका, खण्ड 34, पृ-146, दिल्ली 1987
7. बनर्जी जे.एन. पूर्वाेक्त, पृ-510-519
8. वृहत्संहिता 5 7.41 (वराहमिहिर कृत) सरस्वती प्रेस कलकत्ता 1880
9. विष्णु धर्माेत्तर पुराण - 63.1-2, अंग्रेजी अनुवाद प्रियबाला शाह बड़ौदा 1961
10. कमण्डलुश्चाक्षसूत्रं रत्रुवाश्च पुस्तकं तथा।
पितामहस्य मूर्तिः स्यात् त्रेतायां सुखदायिनी।।
अपराजित पृच्छा 214.6, गायकवाड़
ओरियण्टल सीरीज, खण्ड 115, बड़ौदा 1950
11. ऋग्वेदादिप्रभेदेन कृतादियुगभेदनः।
  विप्रादिवर्णभेदेन चतुर्वक्त्रं चतुर्भुजम्।।
दक्षिणाधः करात् सृष्टया जयमाला तथा श्रुतम्।
पुस्तं कमण्डलुं धते सकूर्चः कमलासनः
रूपमण्डन 2.6.7 (सूत्रधार कृत)
सम्पादक बलराम श्रीवास्तव, वाराणसी
विक्रम संवत् 2021
12. राव गोपीनाथ - पूर्वाेक्त पृ. 503-505
13. उक्त, खण्ड 1, भाग 1, पृ. 73-296
14. भगवद्गीता 4.7-8
15. अपराजित पृच्छा 271.1-32 (गायकवाड़ ओरियण्टल सीरीज, खण्ड 115 बड़ौदा, 1950
16. रूपमण्डन - 3.9-21 (सूत्रधार मण्डन कृत) सम्पादक बलराम श्रीवास्तव, वाराणसी विक्रम संवत् 2021
17. विष्णु पुराण 1.8,21,1.9,68, गीता प्रेस गोरखपुर, 31वां संस्करण विक्रम संवत् 2063
18. तिवारी मारूतिनन्दन - मध्यकालीन भारतीय प्रतिभा लक्षण, विश्वविद्यालय प्रकाशन वाराणसी, प्रथम संस्करण, 1997, पृ. 21,22
19. शिवपुराण 3/1-3
20. वायुपुराण, पूर्व भाग 13,14 अध्यात्म
21. शिवपुराण, शतरूद्र अंक, अध्याय 2,3
22. उक्त, पूर्व भाग अध्याय 12,13
23. मञिझम निकाय 1/5/4
24. सूत्रकृतांग 2.7-48 और 151 
विभिन्न ग्रन्थों का समीक्षात्मक अध्ययन।   

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