Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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महिला सषक्तिकरण में षिक्षा का महत्व
1 Author(s): DR. SUNITA SANGWAN
Vol - 3, Issue- 2 , Page(s) : 23 - 25 (2012 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
‘‘ औरत संसार की किस्मत है फिर भी तकदीर की बेटी है अवतार पय्यम्बर जननी है फिर भी षैतान की बेटी है महाप्रलय के पष्चात ब्रहृााजी ने सृष्टि के अविर्भाव में पुरूष को असंगी अनुभव किया इस कारण से मानव की व्यथा को दूर करने के लिये मनु के साथ सतरूपा केा भी प्रकट किया क्योंकि नारी के बिना पुरूष अपूर्ण है। शास्त्रों के अनुसार जहां नारियो का सम्मान किया जाता है, वहां चिरकाल तक देवताओं का वास होता है और सुख-समृद्धि रहती है।