Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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ऋषि उपदेश - आर्तत्राणाय वः शस्त्रं न प्रहर्तुमनागसि
1 Author(s): DR. MAHENDRA PANDYA
Vol - 1, Issue- 1 , Page(s) : 39 - 42 (2010 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
अभिज्ञानशाकुन्तल के कथाप्रसङ्गानुसार महाराज दुष्यन्त मृगया के लिए आश्रम में प्रवेश करते हैं। तभी दो ऋषिकुमार शाङ्र्गरव तथा शारद्धत के साथ वैखानस तपस्वी का प्रवेश होता है तथा ऋषिकुमार दुष्यन्त द्वारा की जाने वाली हिंसा का निषेध करते हुए कहते हैं