Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh

  ISSN 2321 - 9726 (Online)   New DOI : 10.32804/BBSSES

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‘सम्राट अशोक‘ में मानवीय स्थिति

    1 Author(s):  DR. SUDHANSHU KUMAR SHUKLA

Vol -  8, Issue- 3 ,         Page(s) : 7 - 9  (2017 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES

Abstract

नाटककार एवं रंगकर्मी दया प्रकाश सिन्हा द्वारा रचित नाटक ‘सम्राट अशोक‘ पाठकों एवं दर्शकों को सम्राट अशोक के विभिन्न रूपों को दर्शाता ही नहीं चलता है, अपितु एक सम्राट के अंदर की मानवीय स्थिति की दयनीय दशा एवं दिशा को भी दिखाने में सफल हुआ है। नाटककार के गहन चिंतन अध्ययन एवं ऐतिहासिक तथ्यों की बारीकी से खोज पड़ताल का अथक प्रयास इस नाटक में देखने को मिलता है।

  1.    सम्राट अशोक, पृ. 17
  2.    सम्राट अशोक, पृ. 25
  3.    सम्राट अशोक, पृ. 41.42
  4.    सम्राट अशोक, पृ. 60
  5.    सम्राट अशोक, पृ. 77
  6.    सम्राट अशोक, पृ. 127
  7.   सम्राट अशोक, पृ. 130
  8.   सम्राट अशोक, पुरोवाक्

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