Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
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अर्थालङ्कारों में सादृष्यमूलक अलङ्कार
1 Author(s): KALPANA PANCHOLI
Vol - 1, Issue- 1 , Page(s) : 56 - 61 (2010 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
काव्यशास्त्र में कथन शैली को अलङ्कार कहते हैं। इसके द्वारा वक्ता श्रोता के ऊपर अपना प्रभाव सफलतापूर्वक डाल सकता है। जिस प्रकार लोक में कटक, कुण्डल आदि विविध अलङ्कार कामिनी के शरीर को विभूषित करते हैं उसी प्रकार उपमादि अलङ्कारों के द्वारा कविता कामिनी का सौन्दर्य बढ़ जाता है।