Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh

  ISSN 2321 - 9726 (Online)   New DOI : 10.32804/BBSSES

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उत्तराखण्ड में विधान सभा चुनाव एवं मतदान व्यवहारः हिमालय क्षेत्र में विकास के मुद्दे के विशेष सन्दर्भ में।

    1 Author(s):  DR. PRAKASH CHANDRA

Vol -  9, Issue- 4 ,         Page(s) : 6 - 10  (2018 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES

Abstract

मानव को सामाजिक जीव कहा जाता है। मनुष्य समाज का निर्माता है। वह सामाजिक व्यवस्था बनाकर जीता आया है। सामाजिक आवश्यकताओं की सम्पूर्ति के लिए उसने अनके संस्थाओं को जन्म दिया। मानव ने नैतिक, सामाजिक एवं सामूहिक नियमों के अनुपालन हेतु सरकार का गठन किया। राजनैतिक संगठनों का निर्माण समाज में अराजकता को रोकने के लिए किया गया। विभिन्न राजनैतिक प्रणालियों से विश्व के विभिन्न देश नियन्त्रित है। तद्नुरूप उन देशों का समाज भी सृजित हो रहा है। राजनैतिक विचारधाराऐं सामाजिक बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करती है। क्षेत्रीय प्रभुत्व के कारण सीमाएंे बनती हैं। उनकी सुरक्षा हेतु राजनैतिक संगठन बनते हैं। राष्ट्रों का अन्तर्सम्बन्ध अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों को निरूपित करता है। अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरणीय संगठन एवं विधि अन्तर्राष्ट्रीय राजनीतिक सम्बन्धों के प्रतिफल है। राजनैतिक सीमाएंे एवं संप्रभुता पर्यावरणीय अध्ययन की विषय-वस्तु है। राजनैतिक सामाजिक पटल में समग्रता देखी जा सकती है। ये परिपूरक है। मानव-मानव, राष्ट्र-राष्ट्र अलग एवं सीमांकित होते हुए भी सह अस्तित्व रखते हैं।

1. डाॅ0 मधु अस्थाना, पर्यावरण एक संक्षिप्त अध्ययन श्री जैनेन्द्र प्रेस, ए-45 नारायण फेज-1, नई दिल्ली वर्ष 2008, पृष्ठ सं0-10,11,120
2. डाॅ0 नरेन्द्र सिंह बिष्ट उत्तराखण्ड एक विस्तृत अवलोकन अरिहन्त पब्लिकेशन्स प्रा0लि0 मेरठ वर्ष 2008
3. क्षेत्रीय अध्ययन से प्राप्त आँकड़े।

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