Bhartiya Bhasha, Siksha, Sahitya evam Shodh
ISSN 2321 - 9726 (Online) New DOI : 10.32804/BBSSES
**Need Help in Content editing, Data Analysis.
Adv For Editing Content
मन्नू भण्डारी के साहित्य में नारी सम्बन्धी चेतना का विकास
2 Author(s): RANJU MISHRA ,DR. SHRADHA HIRKANE
Vol - 10, Issue- 1 , Page(s) : 20 - 23 (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/BBSSES
मन्नू भण्डारी के कथा-साहित्य में भारतीय नारी की विविध स्थितियों को चित्रित किया गया हैं। नारी की समस्याएं आज भी हैं, जिनसे मुक्ति मिलने का प्रयास नारी कर रही है। जब नारी अपनी विविध स्थितियों में अपने अस्तित्व और अस्मिता को सुरक्षित रख सकेगी, तभी उसे गरिमा प्राप्त होगी। नारी विमर्शकारों में मन्नू भण्डारी का नाम उल्लेखनीय है। वह नारीवादी विमर्शकारों से अलग विचार रखती है। इनके कथा साहित्य में नारी विमर्श के अनेक सोपनों को उठाया गया है। नारी विमर्श में यौन स्वतंत्रता का मन्नू भण्डारी विरोध करती है। नारी की आर्थिक स्वतंत्रता ने उसके सम्बन्धों को बदल दिया है। वर्तमान समय में मन्नू भण्डारी के साहित्य में नारी के स्वरूपों को बताया गया है